अक्षांश एवं देशांतर रेखा,(Latitude and Longitude)
भूमिका-
पृथ्वी की सतह पर किसी भी बिंदु की स्थिति अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं के द्वारा निर्धारित की जाती है।
➡️अक्षांश रेखाएं (Latitude)-
अक्षांश रेखाएं विषुवत रेखा (0° अक्षांश रेखा) के समानांतर होती हैं जिनकी संख्या 181 है। यह रेखाएं 0° से 90° उत्तर एवं दक्षिण तक विस्तृत हैं।
विषुवत वृत्त के उत्तर के सभी अक्षांश उत्तरी अक्षांश तथा दक्षिण के सभी अक्षांश दक्षिणी अक्षांश कहलाते हैं।
पृथ्वी पर खींचे गए अक्षांश रेेेेखाओं में विषुवत रेखा (Equator) सबसे बड़ा है, जिसकी लंबाई 40069 किमी है।
दो अक्षांशों के मध्य की दूरी (1°अक्षांश) लगभग 111 किमी होती है। पृथ्वी की गोलाभ आकृति के कारण यह दूरी विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर थोड़ी अधिक होती जाती है।
कुछ महत्वपूर्ण अक्षांश रेखाएं निम्नलिखित हैं-
1. कर्क रेखा (Tropic of Cancer)- धरातल पर उत्तरी गोलार्ध में विषुवत रेखा से 23½° की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक रेखा।
2. मकर रेखा (Tropic of Capricorn)- धरातल पर दक्षिणी गोलार्ध में विषुवत रेखा से 23½° की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक रेखा।
3. आर्कटिक वृत्त ( Arctic Circle)- धरातल पर उत्तरी गोलार्ध में विषुवत रेखा से 66½° की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक रेखा।
4. अंटार्कटिक वृत्त (Antarctic Circle)- धरातल पर दक्षिणी गोलार्ध में विषुवत रेखा से 66½° की कोणीय दूरी पर खींचा गया काल्पनिक रेखा।
➡️देशांतर रेखाएं (Longitude)-
किसी भी स्थान की प्रधान याम्योत्तर (0° देशांतर या ग्रीनविच से पूर्व या पश्चिम) से कोणीय दूरी को उस स्थान का देशांतर कहा जाता है। समान देशांतर को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा जो कि ध्रुवों से होकर गुजरती है, देशांतर रेखा कहलाती है। यह पूर्व एवं पश्चिम दिशा में 180° तक होती है।
विषुवत रेखा पर दो देशांतर रेखाओं में 1° का अंतर होने पर उनके बीच की दूरी 111.32 किमी होती है, जो ध्रुवों की ओर घटकर शून्य हो जाती है। इन्हें वृहत वृत्त (Great Circle) भी कहते हैं।
इंग्लैंड की राजधानी लंदन के निकट ग्रीनविच स्थान से गुजरने वाली रेखा को 0° देशांतर या ग्रीनविच रेखा (प्रधान याम्योत्तर) कहते हैं।
इसके पूर्व में 180° तक सभी देशांतर पूर्वी देशांतर और ग्रीनविच देशांतर से पश्चिम की ओर सभी देशांतर पश्चिमी देशांतर कहलाते हैं।
पृथ्वी को 360° घूमने में 24 घंटे का समय लगता है, इस प्रकार 1° की दूरी तक तय करने में 4 मिनट का समय लगता है। इसलिए पृथ्वी की घूर्णन गति 15° देशांतर/घंटा या प्रति 4 मिनट में एक देशांतर होती है।
चूंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है अतः पूर्व का समय आगे एवं पश्चिम का समय पीछे रहता है।
कुछ महत्वपूर्ण देशांतर निम्नलिखित हैं-
1. अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line- IDL)-
1884 ईसवी में वाशिंगटन में हुए एक समझौते के अनुसार 180° देशांतर को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं। यह रेखा प्रशांत महासागर में उत्तर से दक्षिण तक फैली है।
अनेक द्वीपों को काटने के कारण इस रेखा को 180° देशांतर से कहीं-कहीं खिसका दिया गया है जैसे-
☆ 66½° उत्तर में पूर्व की ओर झुकाव बेरिंग जलसंधि तथा पूर्वी साइबेरिया में एक समय रेखा के लिए।
☆ 52½° उत्तर में पश्चिम की ओर झुकाव एल्यूशियन द्वीप एवं अलास्का में एक ही समय दर्शाने के लिए।
☆ 52½° दक्षिण में पूर्व की ओर झुकाव एलिस, वालिस, टोंगा, न्यूजीलैंड एवं ऑस्ट्रेलिया में एक ही समय रखने के लिए।
यदि अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार किया जाता है तो तिथि में 1 दिन का परिवर्तन हो जाता है।
कोई यात्री यदि पूर्व से पश्चिम (एशिया से उत्तरी अमेरिका) दिशा में अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करेगा तो वह 1 दिन पीछे (शुक्रवार से बृहस्पतिवार) हो जाएगा।
इसी तरह कोई यात्री यदि पश्चिम से पूर्व (उत्तरी अमेरिका से एशिया) की ओर यात्रा करता है तो वह 1 दिन आगे (बृहस्पतिवार से शुक्रवार) हो जाएगा।अगर अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा पर मध्य रात्रि हो तो एशियाई भाग की तरफ शुक्रवार और अमेरिकी भाग की तरफ बृहस्पतिवार होगा।
2. ग्रीनविच मीन टाइम (Greenwich Mean Time - GMT)-
इंग्लैंड के निकट 0° देशांतर पर स्थित ग्रीनविच वेधशाला से गुजरने वाली काल्पनिक रेखा को प्राइम मेरिडियन माना गया है। ग्रीनविच याम्योत्तर 0° देशांतर पर है जो कि ग्रीनलैंड व नॉर्वेजियन सागर व ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन, अल्जीरिया, माले, बुर्किना फासो, घाना व दक्षिणी अटलांटिक समुद्र से गुजरता है।
3. प्रामाणिक या मानक समय (Standard Time)-
पृथ्वी पर किसी स्थान विशेष का सूर्य की स्थिति से परिकलित समय स्थानीय समय (Local Time) कहलाता है, एवं किसी देश के मध्य से गुजरने वाली देशांतर के अनुसार लिया गया समय उस देश का प्रमाणिक समय (Standard Time) कहलाता है।भारत में 82½° पूर्वी देशांतर रेखा को मानक मध्यान्ह रेखा माना गया है जो कि प्रयागराज के नैनी से होकर गुजरता है। इस मध्यान रेखा का स्थानीय समय सारे देश का मानक समय माना जाता है। इसी को भारतीय मानक समय (IST) कहा जाता है। भारत का प्रामाणिक समय ग्रीनविच माध्य समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
प्रमाणिक समय के निर्धारण में महत्वपूर्ण कारण होता है जैसे- विभिन्न देशांतर पर स्थित स्थानों का स्थानीय मान भिन्न-भिन्न होता है, इसके कारण एक बड़े विशाल देश में एक कोने से दूसरे कोने के स्थानों के बीच समय में बड़ा अंतर पड़ जाता है। फलस्वरूप तृतीयक व्यवसायों के सेवा कार्यों में बड़ी बाधा उत्पन्न हो जाती है। इस बाधा व समय की गड़बड़ी को दूर करने के लिए सभी देशों में किसी एक देशांतर रेखा के स्थानीय समय को सारे देश का प्रमाणिक समय मान लिया जाता है और उस देश की सभी घड़ियां उसी स्थान के स्थानीय समय के अनुसार चलती हैं।
4. पृथ्वी पर समय निर्धारण-
समय का ज्ञान देशांतर रेखा से होता है। एक देशांतर का अंतर 4 मिनट होता हैै, जो कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है अतः पूर्व की ओर बढ़ने पर 4 मिनट बढ़ता जाता है और पश्चिम में 4 मिनट घटता जाता है।
5. स्थानीय समय (Local Time)-
स्थानीय समय वह समय है जो कि सूर्य के अनुसार हर देशांतर पर निकाला जाता है, जब सूर्य उस देशांतर पर लंबवत चमके तो उसे दोपहर का 12:00 मान लेते हैं। इसे ही स्थानीय समय कहते हैं। यह प्रत्येक देशांतर पर 4 मिनट के अंतर से भिन्न होता है।
भारत में 82½° पूर्वी देशांतर रेखा को मानक मध्यान्ह रेखा माना गया है, जो प्रयागराज के नैनी से होकर गुजरता है। इस मध्यान्ह रेखा का स्थानीय समय सारे देश का मानक समय माना जाता है। इसी को भारतीय मानक समय (Indian Standard Time- IST) कहा जाता है। भारत का प्रामाणिक समय ग्रीनविच माध्य समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
☆ मध्य रात्रि की स्थिति 66½° उत्तर व दक्षिण आर्कटिक व अंटार्कटिक वृत्त अक्षांशों पर होती है, जहां ग्रीष्म काल में सूर्य क्षितिज से नीचे नहीं जा पाता है।
☆ विश्व को 24 समय जोनों में विभाजित किया गया है। समय जोनों को ग्रीनविच मीन टाइम व मानक समय में 1 घंटे के अंतराल के आधार पर विभाजित किया गया है।
☆ सामान्यत: प्रत्येक देश की एक प्रामाणिक समय देशांतर रेखा होती है, परंतु यू.एस.ए. (USA) एवं रूस जैसे अधिक देशांतरीय विस्तार वाले देशों में क्रमश: 9 एवं 11 प्रामाणिक समय जोन हैं।
अक्षांश और देशांतर रेखाओं से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-
1. अक्षांश रेखाओं की कुल संख्या 181 है।
2. दो अक्षांशों के बीच की दूरी 111 किमी होती है।
3. दो अक्षांशें के बीच की दूरी "जोन" के नाम से जानी जाती है।
4. देशांतर रेखा की कुल संख्या 360 होती है।
5. देशांतर रेखा के बीच की दूरी "गोरे" नाम से जानी जाती है।
6. देशांतर रेखा बायीं ओर की रेखाएँ पश्चिमी देशान्तर और दाहिनी ओर की रेखाएँ पूर्वी देशान्तर कहलाती हैं।
7. दो देशांतर रेखा के बीच की दूरी भिन्न-भिन्न होती है।
8. इंग्लैण्ड के ग्रीनविच नामक स्थान से गुजरने वाली देशान्तर को "प्रधान देशान्तर/ यामोत्तर" या "0°" देशान्तर माना गया है।
9. देशांतर रेखाओं के आधार पर ही किसी स्थान का समय ज्ञात किया जाता है।